बुधवार, 6 अप्रैल 2011

शबरीधाम में 3 सालों से गूंज रही रामधुन

"शिवरीनारायण के राम-जानकी मंदिर में गर्मी, सर्दी और बरसात, हर मौसम में ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ की ध्वनि पिछले 3 सालों से लगातार गूंज रही है। मंदिर की इस विशेषता के कारण ही यहां राज्य सहित दीगर राज्यों से श्रद्धालु पहुंचते हैं।"

नर नारायण मंदिर के पास मठ परिसर में स्थित राम-जानकी मंदिर में रोज नियमानुसार अलग-अलग पालियों में राम के नाम की प्रार्थना की जाती है। इसके लिए मठ मंदिर में रहने वाले लोगों के नाम पहले से ही तय किए जाते हैं। जिसके मुताबित मठ के लोग मंदिर में पहुंचकर राम-नाम का जाप करते हैं। राम के नाम की प्रार्थना करने में मठ में रहने वाली महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। वे बकायदा पुरूषों के साथ हर पालियों में बैठकर भगवान राम की आराधना करती हैं। मंदिर के सामने चबूतरे में बैठे श्रद्धालु मंजीरा, हारमोनियम व अन्य वाद्य यंत्रों की धुन के बीच गर्मी, बरसात और सर्दी के मौसम में श्री राम जय राम जय जय राम का जाप करते है। रामधुन सुनकर हर कोई उस ओर खींचा चला जाता है और वहां पहुंचकर राम की भक्ति में डूब जाता है। वैसे तो शिवरीनारायण के नर-नारायण मंदिर, केशवनारायण मंदिर, हनुमान मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में रोजाना सुबह-शाम प्रार्थना से सुकून की अनुभूति होती है, वहीं राम-जानकी मंदिर में पिछले तीन सालों से लगातार राम धून गंूजने के कारण आसपास का वातावरण भक्ति से सराबोर हो गया है। मठ में रहकर प्रभु भजन करने वाले श्रद्धालुओं के आत्मविश्वास व भक्ति से ऐसा लगता है कि रामधुन यहां अनवरत गूंजती रहेगी।

मठाधीश ने की थी शुरूआत
राम-नाम के जाप की शुरूआत तीन वर्ष पहले मठाधीश राजेश्री महंत रामसुंदर दास ने की। इसके बाद मठ मंदिर में रहने वाले श्रद्धालुओं ने राम-धुन की प्रार्थना जारी रखा है। मठ मंदिर के मुख्तियार सुखराम दास बताते हैं, कि श्रद्धालुओं के दृढ़ संकल्प के कारण ही पिछले तीन वर्षो से मंदिर में भगवान राम की प्रार्थना गंूजती आ रही है। श्रद्धालु अलग-अलग पालियों में लगातार राम-नाम का जाप करते हैं।

बाढ़ में भी नहीं रूकती प्रार्थना
भगवान राम की प्रार्थना में मठ में रहने वालों के अलावा नगर के पुरूष, महिलाएं और बच्चे भी भाग लेते हैं। मंदिर की प्रार्थना महानदी में हर साल बाढ़ आने के दौरान भी नहीं रूकती है। बाढ़ के दौरान जहां शहर का कई हिस्सा पानी में डूबा होता है, वहीं श्रद्धालु दुनिया की चिंता छोड़कर राम की भक्ति में डूबे रहते हैं। प्रार्थना में विघ्न पड़ने से बचने के लिए मंदिर न्यास की तरफ से कुछ गायकों को रिजर्व में भी रखा गया है।

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